भोपाल। महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन की तस्वीर अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है। इधर, शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी महाराष्ट्र में राष्ट्रपति लगाए जाने और सरकार बनाने के लिए अधिक समय न दिए जाने को लेकर राज्यपाल और केंद्र सरकार पर लगातार हमले कर रही हैं। प्रदेश के भाजपा नेताओं ने अपने-अपने तरीके से शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के इन आरोपों पर पलटवार किया है।
भाजपा किे कद्दावर नेता और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्विटर के जरिए कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना द्वारा राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को लेकर भाजपा पर किए जा रहे हमलों का जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के नेताओं पं. नेहरू, इंदिराजी, राजीवजी, नरसिम्हाराव और मनमोहनसिंह के कार्यकाल में देश के विभिन्न प्रदेशों में करीब 87 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया, लेकिन उस समय इन पार्टियों को लोकतंत्र खतरे में नहीं आया। उन्होंने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र को दबाने के आरोपों को इन पार्टियों का दोगलापन करार दिया है। वहीं, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने ट्विटर पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के उस इंटरव्यू को शेयर किया है, जो उन्होंने एक न्यूज एजेंसी को दिया था। इस इंटरव्यू में अमित शाह ने महाराष्ट्र के घटनाक्रम को लेकर राज्यपाल और केंद्र सरकार पर लगाए जा रहे तमाम आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया है। (एजेंसी हिस.)