जितेंद्र चौधरी प्रधान सम्पादक विशाल इंडिया किसानों की आय दोगुनी करने वाले देश के प्रधान सेवक से पूछता हूं; सड़कों पर मरते देखकर किसान को, नींद कैसे आ रही है देश के प्रधान को? देश का अन्नदाता... Read more
जितेंद्र चौधरी जो भरा नही भावों से , बहती जिसमे रसधार नही । वो ह्रदय नही पत्थर हैं , जिसमे स्वदेश का प्यार नही। एक बार एक कवि महोदय एक वृक्ष के नीचे से गुजर रहे थे और उस वृक्ष के तनों में आग... Read more
दूध फटने पर वह लोग मातम मनाते है , जो पनीर बनाना नहीं जानते निराशा , डिप्रेशन, अवसाद तथा हमेशा चिंता में रहना घातक बीमारी है। आपको निश्चित रूप से घबराहट से बाहर निकलने के कुछ सरल और आसान तरी... Read more
नयी दिल्ली : उक्त शीर्षक को देखकर आप लोगों को रोम के शासक नीरो की क्रूरता का स्मरण हो रहा होगा, जब पूरा रोम आग की लपटों में 6 दिन तक जलता रहा, जिसमें लाखों की संख्या में मनुष्य और जंगली पश... Read more
जिंदगी रोशनी है, तो मौत अंधेरा. बड़ा ही मुश्किल होता होगा स्वयं अपने हाथों अपना वजूद मिटाना आत्महत्या शब्द जो आँखों के सामने मौत का भयावह मंजर खड़ा कर देता है। कहने को इसके अर्थ मनचाही मौत स... Read more
जितेन्द्र चौधरी प्रधान सम्पादक विशाल इंडिया सदी के महान शायर दुष्यंत कुमार से अपनी बात शुरू करता हूं; यहां तो सिर्फ गूंगे और बहरे लोग बसते हैं खुदा जाने यहां पर किस तरह का जलसा हुआ होगा ओडिश... Read more
जितेंद्र चौधरी प्रधान सम्पादक विशाल इंडिया अपनी बात को ‘उम्मीद फ़ाज़ली’ के शब्दों से शुरू करता हूँ। आसमानों से फ़रिश्ते जो उतारे जाएँ, वो भी इस दौर में सच बोलें तो मारे जाएँ। जी हा... Read more
जितेंद्र चौधरी प्रधान सम्पादक विशाल इंडिया थोड़ी सी तुकबंदी से सरकार की विशेषताएं बताता हूं; शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार से जो कतराए उसे सरकार कहते हैं, विकास के नाम पर जो दंगे कराए उसे सरकार... Read more
कानपुर : कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि केंचुये की खाद से तैयार फल और सब्जियां मानव शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक हैं। आमतौर पर कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग कोविड-19 की चपे... Read more
यदि आप अपने वर्णीय या जातीय घमंड के भ्रम में अपने से छोटों,निम्न,कमजोर को हिंसा से दबाते हैं तो समझ लेना आप राष्ट्र और समाज हितैषी तो कदापि नहीं बल्कि जो राष्ट्र को बिखेरते हैं, राष्ट्र को क... Read more