लखनऊ । प्रचार-प्रसार और लोगों में जागरुकता की ही देन है कि सामूहिक विवाह कार्यक्रम के अंतर्गत समाज कल्याण विभाग ने एक दिन में 21 हजार जोड़ों के विवाह का लक्ष्य रखा था, जिसके सापेक्ष 14 नवम्बर को 24318 जोड़ों का विवाह हुआ। इस पर कुल राशि 12402.18 लाख रुपये व्यय हुए।
समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में एक सवाल के जवाब में बताया कि पिछले वर्ष सामूहिक विवाह कार्यक्रम में अधिकारियों ने खरीददारी में अनियमितता की थी लेकिन जांच के बाद कार्रवाई की गयी। इस बार पहले से ही सतर्कता बरती गयी लेकिन इसके बावजूद जांच कराई जा रही है। यदि कहीं से काेई गड़बड़ी की शिकायत मिलती है तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि 14 नवम्बर को हुई शादियों में अल्पसंख्यक जोड़ों की संख्या 3020 है। अन्य पिछड़ा वर्ग जोड़ों की संख्या 7810, अनुसूचित जाति के विवाहित जोड़ों की संख्या 12487, सामान्य वर्ग के जोड़ों की संख्या 1001 है।
इसी तरह जिलावार सूची के अनुसार सर्वाधिक जोड़ों की शादी खीरी जिले में हुई, जहां 830 जोड़ों की शादियां हुईं, इसमें 72 अल्पसंख्यक समाज से थे। इसी तरह बरेली में 632, प्रयागराज में 611, गोरखपुर में 601 शादियां हुईं, जबकि सबसे कम 10 जोड़ों की शादियां गौतमबुद्धनगर में हुई हैं। उन्होंने कहा कि हम अधिकतम शादियां कराने वाले जिलों को सम्मानित करने की भी योजना बना रहे हैं। जिन जिलों में कम शादियां हुई हैं, उन जिलों की समीक्षा करके कमियों पर विचार करके आगे की रणनीति तय करेंगे। गौतमबुद्धनगर में कम शादियां होने के बारे में उन्होंने कहा कि इसका कारण वहां शहरीकरण होना हो सकता है।
वृद्धा आश्रम में होने वाली गड़बड़ियों की सूचना पर उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जा सकती। गड़बड़ियों की जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। निर्माण कार्यों की अनियमितता की शिकायत पर भी उन्होंने कहा कि दोषी फर्मों को काली सूची में डाला जाएगा। हिस