मुंबई: विदेशों से मिले मिश्रित संकेतों के बीच बैंकिंग एवं वित्तीय क्षेत्रों की कंपनियों में लिवाली से घरेलू शेयर बाजारों में लगातार दूसरे दिन तेजी रही।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 395.33 अंक यानी 0.75 प्रतिशत चढ़कर 52,880 अंक पर पहुँच गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 112.15 अंक यानी 0.71 प्रतिशत की मजबूती के साथ 15,834.35 अंक पर बंद हुआ। यह दोनों सूचकांकों का 25 जून के बाद का उच्चतम स्तर है।
कोविड-19 महामारी के टीकाकरण में तेजी और कंपनियों के अच्छे तिमाही परिणाम की उम्मीद से बाजार में शुरू से ही तेजी रही। धातु, बैंकिंग, वित्त, ऊर्जा जैसे समूहों की कंपनियों में लिवाली से बाजार में निवेश धारणा मजबूत रही। विदेशी निवेशकों ने भी शेयर बाजार में पैसा लगाया।
मझौली और छोटी कंपनियों में भी लिवाली का जोर रहा। बीएसई में छोटी कंपनियों का सूचकांक स्मॉलकैप 0.78 प्रतिशत उछलकर 25,765.73 अंक के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया। मझौली कंपनियों का सूचकांक मिडकैप भी 0.35 फीसदी की बढ़त के साथ 22,505.82 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की 30 में से 23 कंपनियों में तेजी और शेष सात में गिरावट रही। भारतीय स्टेट बैंक का शेयर 1.92 प्रतिशत और टाटा स्टील का 1.84 प्रतिशत चढ़ा। एलएंडटी में 1.47 प्रतिशत, बजाज फिनसर्व में 1.38 प्रतिशत, एक्सिस बैंक में 1.27 प्रतिशत, बजाज फाइनेंस में 1.23 प्रतिशत, महिंद्रा एंड महिंद्रा में 1.18 प्रतिशत, आईसीआईसीआई बैंक में 1.15 प्रतिशत, एनटीपीसी में 1.11 प्रतिशत और इंडसइंड बैंक में 1.01 प्रतिशत की तेजी रही। रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर भी 0.97 फीसदी मजबूत हुआ। टेक महिंद्रा में सर्वाधिक 1.34 प्रतिशत की गिरावट रही।
विदेशों में मिलाजुला रुख रहा। एशिया में चीन का शंघाई कंपोजिट 0.44 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.35 प्रतिशत की मजबूती के साथ बंद हुआ जबकि जापान का निक्केई 0.64 प्रतिशत और हांगकांग का हैंगसेंग 0.59 प्रतिशत टूट गया। यूरोप में शुरुआती कारोबार में ब्रिटेन का एफटीएसई 0.27 प्रतिशत चढ़ गया जबकि जर्मनी का डैक्स 0.19 फीसदी की गिरावट में रहा।
