21 नवंबर , विशाल इंडिया
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं देश कैशलेस इकोनामी की तरफ बढ़े परंतु हमारे देश के कुछ बिल्डर प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर ही ब्लैक की मलाई खा रहे हैं।
प्रधानमंत्री का लक्ष्य 2022 तक सबको आवास उपलब्ध कराने का है परंतु चोरी की आदत से मजबूर बिल्डर उसमें भी चोरी से बाज नहीं आ रहे। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अफॉर्डेबल हाउसिंग के अंतर्गत बिल्डर को हजारों तरह के फायदे दिए जाते हैं ताकि गरीबों को घर मिल सके पर हो क्या रहा है उसका बिल्कुल उल्टा।
सुपरटेक के एक प्रोजेक्ट सेक्टर 78 गुड़गांव में जोकि अफॉर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट है और जिस में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए सरकार काफी सब्सिडी दे रही है । सरकार की कोशिश यह है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को कम से कम कीमत पर मकान मिल सके । परंतु एक पुरानी कहावत है कि चोर चोरी से जाए पर हेरा फेरी करने से नहीं चूकेगा । ऐसा ही मामला सुपरटेक बिल्डर के इस प्रोजेक्ट में सामने आया है लोग सरकारी रेट पर फ्लैट तो लेना चाहते हैं और अप्लाई भी कर रहे हैं परंतु बिल्डर ने काली कमाई का एक और तरीका निकाल लिया। इस अफॉर्डेबल हाउसिंग के फॉर्म केवल उन्हीं लोगों को मिल रहे हैं जो लगभग 2 से तीन लाख रुपए ब्लैक में दे रहे हैं ।
इस तरह से बिल्डर काली कमाई के साथ साथ सरकार को भी योजनाओं का फायदा उठाकर पूरा चुना लगा रहे हैं। सुपरटेक के मैनेजिंग डायरेक्टर मोहित अरोड़ा से जब विशाल इंडिया टीम ने बात करने की कोशिश की तो उन्होंने कोई रिप्लाई नहीं दिया। उसके बाद विशाल इंडिया की टीम ने उनको उनके व्हाट्सएप पर संदेश भेजा और उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि आपको गलत जानकारी हैं उसके बाद जब हमने उन्हें ऑडियो भेजा तो उन्होंने कोई जबाब नही दिया।
सरकार को देखना होगा कि किस तरह इन भ्रष्ट बिल्डरों पर शिकंजा कसा जा सकता है। प्रधानमंत्री दिन रात काला धन काला धन चिल्ला रहे हैं और बिल्डर सारे सिस्टम को धता बताते हुए काला धन कमा रहे हैं।