विशाल इण्डिया- मोहम्मद युसूफ
Ambedkar ngr । लॉकडाउन के बाद आज सक्षम के द्वारा दूसरा ब्लड डोनेशन कैंप लगाया गया 13 यूनिट ब्लड हुआ डोनेट, सक्षम अम्बेडकर नगर के तत्वाधान में आयोजित हुआ रक्तदान शिविर
टांडा विधायक संजू देवी के कैंप कार्यालय पर सक्षम के नेतृत्व में आयोजित हुआ रक्तदान शिविर,
सक्षम ( समदृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसन्धान मंडल) अम्बेडकर नगर के नेतृत्व में “प्रणदा” आयाम के अधीन आयोजित रक्तदान शिविर का आयोजन टांडा अम्बेडकर में दिनांक ,22 सितम्बर 2020 दिन मंगलवार को किया गया।
समदृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसन्धान मंडल राष्ट्रीय ही नहीं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांग जन हितार्थ कार्य कर रहा है । दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम 2016 के बाद दिव्यांग की श्रेणी 21 हो गई जिसमें सिकल्सेल, हीमोफिलिया ब्लड से सम्बन्धित रोग भी सम्मिलित किया गया। परिणाम यह रहा कि सक्षम की “प्रणदा” आयाम ने रक्तदान करके दिव्यांग जनों को नया जीवन देने का कार्य किया है।
भारत वर्ष में प्रति वर्ष जितनी मृत्यु दर है उसके अनुरूप नेत्रदान की संख्या का प्रतिशत शोचनीय है। सक्षम के कांबा के अधीन नेत्रदान पखवाड़े का उद्घाटन सत्र में महामहिम उप राष्ट्रपति श्रीमान वैंकैया नायडू ने सभी से आह्वान किया कि सभी नेत्रदान करके पीड़ित को उसके जीवन में ज्योति जगाए।
अनीमिया, एप्लास्टिक अनीमिया, ब्लड कैंसर और थैलेसिमिया के मरीजों को ब्लड बैंकों में खून नहीं मिल पा रहा है। दरअसल कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन में ना तो वोलेंट्री ब्लड डोनशन हो रहा हैं, ना ही कैंप लग पा रहे हैं। ऐसे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अनुषांगिक संगठन समदृष्टि क्षमता विकास एवं अनुसंधान मंडल (सक्षम) ने लॉकडाउन के बाद खून की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए आज टांडा विधायक संजू देवी जी के सहयोग से उनके कैंप कार्यालय पर ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किया। इस दौरान प्रांत सत्संग प्रमुख श्याम बाबू जी ने हम समाज हित में कार्य करने वाली स्वंयसेवी संगठनो के साथ हमेशा साथ खड़े है। इन ब्लड डोनेशन कैम्प का आयोजन सक्षम के प्राणदा प्रकोष्ठ के तहत किया गया।
कैंप में लॉकडाउन के नियमों, सामाजिक दूरी सोशल डिस्टेंसिं हैंड सेनिटाइजेशन का पूरा खयाल रखा गया।
प्राणदा क्या है: रक्त की वजह से होने वाली तीन तरह की बीमारियों थैलेसीमिया, हीमोफीलिया और सिकल सेल अनीमिया को दिव्यांग जन अधिकार अधिनियम 2016 (RPWD act) के तहत दिव्यंगता की श्रेणी में शामिल किया गया है। इस तरह की दिव्यंगता से लड़ने के लिए सक्षम ने प्राणदा प्रकोष्ठ की स्थापना की, जिसके तहत इन दिव्यांगों के लिए रक्त, रक्त से संबंधित और चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं।