शिव चन्द्रा, 12 नवम्बर, सोमवार|
नोएडा: यूपी में जर्मन खसरा (रूबेला) रोकने के लिए रूबेला का मुफ्त टीकाकरण किया जाएगा। अभी तक सिर्फ खसरा रोकने के लिए ही टीका लगता रहा है। यह टीका खसरा यानि मीसल्स के टीके के साथ मिलाकर तैयार किया गया है।
खसरे के टीकाकरण के लिए अभी तक 9 माह पर एम-1 और 16 माह पर एम-2 टीका लगता रहा है। जिन बच्चों को पहले खसरा का टीका लग चुका है वो भी दोबारा यह टीका लगवआएंगे।जिससे हमारे बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता अत्यधिक विकसित हो सके।
रुबेला एक व्यक्ति के खांसने या छींकने से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यानि यह बीमारी हवा में काफी तेजी से फैलाती है। इसका वायरस सिर्फ इंसानों से ही फैलता है। रुबेला तेजी से फैलने वाली बीमारी है जिसके कारण गर्भवती महिलाओं में गर्भपात की संभावना होती है।
वैसे तो रुबेला से हल्का बुखार और रैश होती है लेकिन अगर गर्भवती महिलाओं में यह बीमारी हो तो बच्चा दिव्यांग पैदा हो सकता है। इस स्थिति को कांजेनाइटल रूबेला सिंड्रोम (सी०आर०एस०) कहते हैं।
ऐसे बच्चे में कान और आंख से दिव्यांग होते हैं या फिर दिमागी तौर पर कमजोर, कई बच्चों में यह मधुमेह का कारण भी बन सकता है और इन सबके लिए उम्र भर दवाई लेनी पड़ती है। इस बीमारी का डर सबसे ज्यादा उन देशों में होता है जहां बच्चों और महिलाओं में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है क्योंकि उनका टीकाकरण नहीं हुआ होता है।
भारत में अब भी 38 हजार के करीब बच्चे खसरे से जुड़े हुए कारणों से हर साल मरते हैं। जिन बच्चों को खसरा होता है उनकी प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है और वह बार बार दस्त और निमोनिया जैसी बीमारियों का शिकार होते हैं। इन बच्चों की उम्र अमूमन पांच साल से कम होती है।
हमारा सहयोग ही इसकी जागरूकता फैलाएगा और हमारे बच्चों को इस बीमारी से बचाया जा सकता है ,तो प्रतिरोध ना करे अपितू सहयोग करे ।देश को स्वस्थ्य भविष्य देने में हमसब मिलकर अपनी भागीदारी निभाये ।