विशाल इण्डिया–पूनम तिवारी
भीटी,अम्बेडकरनगर। स्थानीय तहसील क्षेत्र के सीएचसी में बने 30 शैय्या मातृ एवं बाल कल्याण हेतु करीब 3 करोड़ की लागत से बनाया गया यह अस्पताल इस करोना महामारी में भी चालू नहीं हो सका करीब बरसों से बने इस अस्पताल का यहां की जनता को इसका लाभ न मिल पाने के कारण काफी आक्रोशित है और सरकार को ही दोषी मान रही है अगर यह अस्पताल इस तहसील को मिल गया होता तो आज यहां के गरीब तबके को बड़ा सहारा मिला होता लेकिन सरकार की अनदेखी को देखते हुए लोग काफी परेशान हैं कि आखिरकार यह अस्पताल क्यों नहीं हैंडोवर किया जा रहा है शासन की मंशा के अनुसार यह अस्पताल बहुत ही सुरक्षित और सुसज्जित बना हुआ है लेकिन विभाग को ना मिलने के कारण यहां ना तो डॉक्टर आ पा रहे हैं और ना ही नर्सों का स्टाफ आ पा रहा है सपा सरकार ने शिशुओं की मृत्यु दर को देखते हुए इस अस्पताल को मात्र 18 माह में बनाकर देने के लिए टेंडर पास किया गया था लेकिन इसके बावजूद भी बीच-बीच में काफी रोडे आते रहे इस वजह से यह अस्पताल करीब 4 वर्षों में बनकर तैयार हुआ लेकिन उसके बाद भी किसी कारणवश इसे विभाग को नहीं सौंपा गया ठेकेदार प्रदीप सिंह बताते हैं कि अभी तक हमारा पूरा पैसा भी नहीं मिला है इसलिए हमने शासन को हैंडोवर नहीं किया है लेकिन मामला यहीं नहीं समाप्त होता बनने के 4 माह बाद ही अंदर की लिफ्ट और फर्ष टूट कर धराशाई हो गई वही लिफ्ट में जंग लग गया उसका ऊपर नीचे आना जाना सब कुछ बेकार हो गया कबाड़ खाने जैसा बन गया है बिना हैंड ओवर के ही ऐसी दुर्गति हुई की ऐसी दुर्गति किसी भी अस्पताल की नहीं हुई होगी दीवालो को मजबूत बनाना और छत की मजबूती को देखते हुए लोगों द्वारा कहा जा रहा था कि ऐसा मजबूत अस्पताल कभी कभार ही देखा जाता है लेकिन बाद में स्थिति डामाडोल हो गई और फर्श बनवाने में ठेकेदार द्वारा अनियमितता बरती गई है जिससे ठेकेदार को लाखों रुपए का फायदा हुआ है जिसके कारण इस ठेकेदार का पैसा अभी तक पूरा नहीं मिला है क्योंकि बनने से पहले ही और हैंडोवर करने से पहले इसकी जो दुर्गति हुई है ऐसा कभी नहीं देखा गया कि इस तरीके से फर्श पर लगी टाइल्स जमीन दोज हो गई है।