नयी दिल्ली। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि राज्य में महिला सुरक्षा के नाम पर डंका तो खूब पीटा जा रहा है लेकिन जमीन पर कुछ नहीं है और प्रदेश में महिलाएं बहुत असुरक्षित है।
वाड्रा ने बुधवार को फेसबुक पर जारी पोस्ट में कहा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री जी के गृहक्षेत्र से आई खबर पढ़कर आपको अंदाजा लगेगा कि जिस सिस्टम ने अभी कुछ दिन पहले ही महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चलाए गए मिशन शक्ति के नाम पर झूठे प्रचार में करोड़ों रुपए बहा दिए, वह सिस्टम जमीनी स्तर पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर इस कदर उपेक्षित रवैया अपनाए हुए है।
उन्होंने कहा कि इस खबर के अनुसार गोरखपुर में पिछले दिनों 12 से अधिक लड़कियों की मौत के मामले आए। इन अपराधों में सजा दिलाना तो दूर की बात है कुछ मामलों में पुलिस मृतक लड़कियों की पहचान भी नहीं कर पायी।
कांग्रेस महासचिव ने कहा,उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हर दिन औसतन 165 अपराध के मामले सामने आते हैं। पिछले दिनों ऐसे सैंकड़ों मामले सामने आए जिनमें या तो प्रशासन ने पीड़ित पक्ष की बात नहीं सुनी या फरियादी महिला से ही बदतमीजी कर दी।
वाड्रा ने कहा कि हैरानी की बात यह है कि राज्य सरकार महिला सुरक्षा के नाम पर अपनी पीठ तपथपाने के लिए करोड़ों रुपए के विज्ञापन देती है लेकिन थानों में जब महिला शिकायत लेकर पहुंचती है तो उस पर भद्दी टिप्पणियां की जाती हैं और उसके प्रति संवेदना व्यक्त करने के बजाए उसका निरादर किया जाता है।
उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर हाथरस, उन्नाव एवं बदायूं जैसी घटनाओं में योगी सरकार के व्यवहार को पूरे देश ने देखा है। महिला सुरक्षा की बेसिक समझ महिला की आवाज को प्राथमिकता देना होता है लेकिन उत्तर प्रदेश की सरकार ने बार-बार ठीक इसके उलट काम किया।
वाड्रा ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि उनके लिए बेटी बचाओ और मिशन शक्ति सिर्फ खोखले नारे हैं। महिलाओं की आवाज और उनकी आपबीती को लेकर महिलाओं के प्रति सरकार को अपना व्यवहार बदलना पड़ेगा और उनके साथ हर स्तर पर संवेदनशीलता दिखानी पड़ेगी।
उन्होंने कहा , जब कोई पीड़ित महिला या उसका परिवार आवाज उठाए और सत्ताधारी दल के लोग उस महिला व उसके परिवार पर ही भद्दी टिप्पणियां करने लगें तो इससे घृणित कोई और कार्य नहीं है। महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करने की प्राथमिक शर्त है – महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को सामने लाना। इसके लिए महिलाओं की आवाज को आदर से सुनना होगा।
