विशाल इण्डिया-जावेद सिद्दीकी
बसखारी, अम्बेडकरनगर । विद्युत विभाग द्वारा बढ़ाई गई विद्युत दर से नाराज बुनकर समाज के लोगों ने पावर लूमो के चक्के जाम कर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी । बताते चलें कि बुनकरों को पहले फिक्स रेट पर बिजली उपलब्ध थी ।पूर्व में बुनकरों को प्रत्येक लूम पर लगभग 70 से ₹75 बिजली बिल देना होता था। परंतु जनवरी 2020 से बिजली बिल के रेट मीटर लगा कर यूनिट से वसूले जाने का आदेश हो गया। जिसके खिलाफ 1 सितंबर को सामूहिक रूप से बुनकरों ने पावर लूमो के चक्के जामकर हड़ताल कर दिया। जिस पर प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता होने के बाद जुलाई 2020 के पहले तक पुराने रेट पर वसूली का समझौता हुआ और यह आश्वासन दिया गया कि 15 दिनों के अंदर फ्लैट रेट व अन्य समस्याओं को लेकर कोई ना कोई हल निकाल लिया जाएगा ।किंतु कोई हल न निकलता देख कर उन्होंने एक बार फिर सार्वजनिक रूप से हड़ताल शुरू कर दी है । इसी कड़ी में बुनकर सभा अशरफपुर किछौछा ने भी हड़ताल को समर्थन देते हुए अशरफपुर किछौछा के पावर लूमो को बंद कर दिया है ।उनकी मांग है कि बिजली का बिल पुराने रेट पर ही किया जाए नहीं तो हम 25 गुना रेट वृद्धि पर बिल नहीं जमा कर पाएंगे और यह आदेश बुनकर समाज के पेट पर लात मारने के बराबर है ।हड़ताल के चलते पावर लूम में काम करने वाले मजदूर तबके के लोगो को रोजी-रोटी के लाले पड़ गए है। मजदूर तबका जो दो पालियों में ड्यूटी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता था ।मगर यह रेट लागू होने के बाद पावरलूम मालिकों ने बड़े स्तर पर हड़ताल कर दिया। जिससे खासतौर से पावरलूम के मजदूरों पर रोजी रोटी व बच्चों की शिक्षा पर फर्क पड़ गया है ।मजदूरों का हाल बेहाल है वह कहां से अपना कार्य चलाएं और कहां से बच्चों की दवा दारू का बंदोबस्त करें या शाम को घरों पर सब्जियां कहां से लाएं अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो मजदूर तबका रोड पर आ जाएगा।