
23 नवंबर , विशाल इंडिया/मथुरा/उत्तर प्रदेश में मथुरा के वृन्दावन की प्रेममयी भूमि से ब्रह्मलीन संत गीतानन्द महराज के कल्याणकारी कार्यो से देश के असहाय एवं वृद्धजन आज भी लाभ उठा रहे है।
इस महान संत की पुण्य तिथि 25 नवम्बर को वृन्दावन में मनाई जा रही है और इस अवसर पर उनके द्वारा किये गए जनहितकारी कार्यों काे बड़ी श्रद्धा से याद किए किया जाएगा।
महामंडलेश्वर डा0 स्वामी अवशेषानन्द महराज ने बताया कि इस संत की पुण्य तिथि 25 नवम्बर को वृन्दावन में मनाई जाएगी। ऐसे में उनके द्वारा किये गए जनहितकारी कार्यों का स्मरण होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि इस संत ने अपने शिष्यों को समझाकर कई परिवारों को टूटने से बचाय था,लेकिन वह स्वप्नदृष्टा थे। वह जानते थे कि आने वाले समय में पारिवारिक एकता पर संकट आ सकता है तथा ‘जनरेशन गैप’ आने के कारण कुछ परिवारों में अधिक आयु के लोगों का परिवार के साथ रहना असहज हो सकता है।
उन्होंने कहा कि इसलिए संत ने हरिद्वार,न्यू रोजेन्द्रनगर दिल्ली़, भिवानी, लुधियाना, कुरूक्षेत्र आदि स्थानों पर वृद्धाश्रम बनाया जहां आज ऐसे सीनियर सिट़ीजन रह रहे हैं जो परिवार में अपने आप को असहज महसूस करते हैं। उन्होंने बताया कि इनका सारा खर्च गीता आश्रम वहन कर रहा है।