श्रीनगर : केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर के पुराने शहर में शनिवार को मौलवी मोहम्मद फारूक और अब्दुल गनी लोन की पुण्यतिथि पर आंशिक रूप से बंदी देखी गई।
मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने इन दोनों नेताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए कश्मीर में बंद आहूत किया था।
श्रीनगर में मौलवी मोहम्मद फारूक की पुण्यतिथि के अवसर पर एक रैली के दौरान वर्ष 2002 में आज ही के दिन अब्दुल गनी लोन को गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।
हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक के पिता मौलवी की भी वर्ष 1990 में हत्या कर दी गयी थी।
इस दौरान, जामिया मस्जिद, नवहट्टा, गोजवारा, राजौरी कडल, सरफ कडल, महराजगंज सहित पुराने शहर में दुकाने और अन्य वाणिज्यिक गतिविधियाँ बंद रही। सड़क पर यातायात का परिचालन हालांकि, सामान्य रहा।
इस बंदी का असर श्रीनगर और कश्मीर घाटी के अन्य हिस्सों में नहीं दिखा।
अलगाववादी समूह ने लोगों से पुराने श्रीनगर में ईदगाह जाकर दोनों नेताओं लिए इबादत करने के लिए कहा, जहां दोनों नेताओं को दफनाया गया है ।
मौके पर मौजूद चश्मदीदों ने बताया कि ईदगाह पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है, लेकिन लोगों की आवाजाही पर किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है।
