विशाल इण्डिया- रज़ा ज़ैदी
अम्बेडकरनगर । रविवार को भाद्रपद में पढ़ने वाले षष्ठी तिथि को महिलाओं द्वारा ललई छठ का पर्व हर्षोल्लास के रूप में मनाया गया।इस दौरान महिलाएं कुश के पौधे को छठ माता का प्रतीक मानकर एक समूह में बैठकर 6 पत्तो पर महुआ,तीनी का चावल, दही, आदि अर्पित कर कुश के पौधे में 6 गांठ लगाकर,और उनमें टीका लगाकर अपने पुत्रों की दीर्घायु होने व यशस्वी होने की प्रार्थना की और एक पत्ता वहीं छोड़कर शेष पत्तों को एक दूसरे मे प्रसाद के रूप में बांटा तथा पूजन अर्चन के बाद एक समूह में बैठकर छठ माता से जुड़े किस्से कहानियों को सुनी और सुनाई।हजपुरा निवासिनी दुर्गा मिश्रा, मनीषा मिश्रा,साधना,शान्ति देवी व सुगीता आदि ने बताया कि इस दिन महिलाएं महुए का दातुन इस्तेमाल करती हैं और भैंस के दूध से बने दही, महुआ, तीनी का चावल आदि का प्रयोग करती हैं।इस दिन वह खेतों से उत्पन्न अन्न को ग्रहण नहीं करती हैं और न ही खेतों में जाती हैं।बताया कि ललही छठ का पर्व सूर्योदय से छ:घण्टे के बाद ही मनाया जाता है और छठ माता की पूजा अर्चना की जाती है।
मान्यता है कि सच्चे मन से छठ माता की पूजा अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।