सोनीपत : जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जिब्स) की ओर से पेश किए गए विभिन्न निशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रमों के तहत एक लाख से अधिक प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया गया है ।
इन प्रतिभागियाें में शिक्षक ,छात्र ,कारपोरेट पेशेवर और सरकारी अधिकारी शामिल हैं । यह जानकारी आज जिब्स की ओर से जारी विज्ञप्ति में दी गई ।
जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (जिब्स) के प्रधान निदेशक प्रोफेसर डॉ. संजीव पी. साहनी ने इस
उपलब्धि को हासिल करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि संस्थान व्यवहार संबंधी मुद्दों से उत्पन्न शैक्षणिक,
सामाजिक और व्यावसायिक बाधाओं के लिए अभिनव समाधान खोजने के लिए प्रयास करना जारी रखेगा।
उन्होंने कहा कि सात साल पहले जब हमने संस्थान शुरू किया था, तो हमें नहीं पता था कि राष्ट्रीय और
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी इतनी पहुंच होगी। हमने न केवल शिक्षकों, छात्रों और पेशेवरों को प्रशिक्षित किया है,
बल्कि हमारे सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न सामाजिक मुद्दों को कम करने में भी सबसे आगे
रहे हैं।
कोरोना वायरस महामारी के बाद दुनिया के अधिकांश शैक्षणिक संस्थानों में शारीरिक शिक्षा का आदान-प्रदान
प्रतिबंधित है लेकिन जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज ने वर्चुअल माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य,
भावनात्मक कल्याण और तनाव प्रबंधन पर केंद्रित प्रशिक्षण देना जारी रखा है। जिब्स की ओर से आयोजित ऑनलाइन प्रशिक्षण सत्रों में विशेष रूप से वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के संदर्भ में चिंता विकारों, अवसाद और संबंधित विकारों के मनोवैज्ञानिक उपचार पर केन्द्रित रहा।
यह उल्लेख करना उचित है कि जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज, ओपी जिंदल ग्लोबल युनिवर्सिटी का एक
महत्वपूर्ण शोध संस्थान है और संयुक्त राष्ट्र के एकडेमिक परिषद का सदस्य है।
