भुवनेश्वर : ओडिशा सरकार चक्रवाती तूफान ‘यास’ से निपटने के लिए बचाव और पुनर्वास कार्यों को ध्यान में रखते हुए संवेदनशील क्षेत्रों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 17, उड़ीसा आपदा त्वरित प्रतिक्रिया बल (ओडीआरएएफ) की 20 टीमों और 150 अग्निशमन दलों को तैनात करेगी।
ओडिशा विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) पी के जेना ने शनिवार को कहा कि एनडीआरएफ, ओडीआरएएफ और अग्निशमन सेवाओं के कर्मियों को रविवार को चक्रवाती तूफान से प्रभावित होने की आशंका वाले इलाकों की ओर भेजा गया है।
उन्होंने कहा कि चक्रवाती तूफान संवेदनशील इलाकों में वन विभाग के पड़ों को काटने वाले कर्मियों को तैनात किया गया है लेकिन उनकी तैनाती की संख्या पर बाद में फैसला लिया जाएगा।
श्री जेना ने कहा कि जिला स्तर के अधिकारियों और संबंधित विभाग के अधिकारियों ने पहले ही लोगों को इलाकों से निकालने की योजना तैयार कर ली है। इसके अलावा चक्रवात के दौरान प्रभावित लोगों को आश्रय देने और पेयजल और बिजली की आपूर्ति व्यवस्था का भी निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि सभी एहतियाती कदम सुनिश्चित किये गये हैं और सभी लोग कोविड के उचित प्रोटोकॉल का पालन करेंगे।
आयुक्त ने कहा कि ऑक्सीजन के निर्माण और ऑक्सीजन की रिफिलिंग में कोई समस्या आड़े नहीं आयेगी और कोविड अस्पतालों और कोविड देखभाल केंद्रों में पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने के लिए उचित कदम उठाए गए हैं। उन्हेांने अधिकारियों को वैकल्पिक बिजली और पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने और कोविड अस्पतालों और कोविड देखभाल केंद्रों में आवश्यक संख्या में डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों की तैनाती की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया है। महिला और बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभागों से कहा गया है कि हर गर्भवती महिला जिसका प्रसव अगले दो सप्ताह में होना है,उनको चक्रवात के तट पर टकराने से पहले आश्रयों स्थानाें के बजाय अस्पतालों में स्थानांतरित किया जाए।
श्री जेना ने आज आईएमडी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उत्तरी अंडमान सागर और बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी से सटे आसपास क्षेत्र के ऊपर सुबह से हवा का कम दवाब बना हुआ है।
इसके कल सुबह तक केन्द्रित होने की संभावना है और 24 मई तक उत्तर-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने और उसके बाद अगले 24 घंटों के दौरान इसके अति गंभीर चक्रवाती तूफान में आगे बढ़ने की संभावना जतायी गयी है।
श्री जेना ने कहा आईएमडी ने हालांकि अभी तक अपना सटीक स्थान का अनुमान नहीं लगाया है। चक्रवाती तूफान के समुद्र तट से टकराने और उसके बाद फिर इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 26 मई को सुंदरबन और उत्तरी ओडिशा के बीच कहीं भी तट से टकरा सकता है।