अजमेर : राजस्थान के अजमेर में आज ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की महाना छठी और उनके गुरु ख्वाजा उस्मान हारूनी का उर्स साथ-साथ मनाया गया।
ख्वाजा गरीब नवाज के गुरु उस्मान हारुनी के उर्स की कुल की रस्म धार्मिक रीतियों के साथ की गयी, उसी के साथ उर्स का समापन भी हो गया। उर्स के मौके पर आज तड़के खोले गए जन्नती दरवाजे को भी खिदमद के बाद बंद कर दिया गया । इससे पहले पूर्वाह्न ग्यारह बजे कुल की महफिल आयोजित की गई , जिसमें हजारों हजार अकीदतमंदों ने शिरकत की। गुरू के उर्स में जायरीनों की भीड़ सड़कों से दरगाह तक देखने को मिली। जायरीनों की अप्रत्याशित भीड़ को देखते हुए पुलिस सुरक्षा के खास इन्तजामखत किये गये और महावीर सर्किल से दरगाह की ओर तीपहिया व चौपहिया वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई ।
दरगाह के आहाता-ए-नूर में ख्वाजा साहब की महाना छठी भी परम्परागत धार्मिक रस्मों के साथ मनाई गई। खुद्दाम-ए-ख्वाजा ने छठी की फातहा पढ़ी। कुरान की तिलावत के अलावा ख्वाजा साहब की शान में मान मनकब्बत पेश किये गये। साथ ही उनकी वंशावली और शिक्षाओं को भी पढ़ा गया । खादिमों ने इस मौके पर मुल्क में अमन, चैन,भाईचारे , खुशहाली व उन्नति के लिए दुआ की । छठी में भी आशिकाना-ए-ख्वाजा का हुजूम उमड़ पड़ा ।
भीषण गर्मी के बावजूद छठी और उर्स के कार्यक्रमों में भीड़ ने दरगाह और आसपास के क्षेत्रों में मेले जैसा माहौल पैदा कर दिया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को भी मशक्कत करनी पड़ी।
