चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक की अध्यक्षता में तकनीकी विशेषज्ञों की बैठक में चर्चा के बाद दिये गए निर्देश
आगर :. कोरोना वायरस से बचाव के लिये अब उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने आइवरमेक्टिन दवा को प्रयोग करने की अनुमति दे दी है. इस दवा को कोविड-19 उपचाराधीनों और उनके संपर्क में आये लोगों को दिया जाएगा. इसके साथ ही इसका उपयोग स्वास्थ्यकर्मियों को भी करने के निर्देश दिये गये हैं.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक की अध्यक्षता में चार अगस्त को तकनीकी विशेषज्ञों की बैठक में कोरोना से बचाव के लिए आइवरमेक्टिन दवा का इस्तेमाल करने पर चर्चा हुई थी, जिसके बाद अगले दिन इसका इस्तेमाल करने के लिए निर्देश जारी किए गए.
एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अजीत चाहर ने बताया कि आइवरमेक्टिन दवा का उपयोग अभी ट्रायल के रूप में ही किया जा रहा है. इसे अभी स्थाई इलाज के रूप में मान्यता नहीं मिली है. फिलहाल इसके रिजल्ट ठीक देखने को मिले हैं. आइवरमेक्टिन को वायरस को कम करने के लिये दिया जा रहा है और ये काम भी कर रही है. ये अभी अंडर ट्रायल मेडिसिन है.
रोकथाम के लिये भी किया जा रहा उपयोग
आइवरमेक्टिन दवा का उपयोग उपचार के साथ-साथ कोविड-19 वायरस की रोकथाम के लिये भी किये जाने के निर्देश दिये गये हैं. स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी व अन्य फ्रंटलाइन वॉरियर्स में कोविड-19 वायरस की रोकथाम के लिये भी इस दवा का उपयोग किये जाने के निर्देश दिये हैं.
ये है दवा देने का तरीका
उपचाराधीन के संपर्क में आने वाले व्यक्ति के लिये
कोविड-19 संक्रमण के पुष्ट रोगी के संपर्क में आये व्यक्तियों में संभावित संक्रमण से बचाव हेतु पहले व सातवें दिन रात्रि भोजन के दो घंटे पश्चात दी जानी चाहिए.
इलाज करने वाले स्वास्थ्यकर्मियों के लिये
कोविड-19 के उपचार एवं नियंत्रण में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों में संक्रमण से बचाव हेतु दी जानी है |
कोविड-19 उपचाराधीन, लक्षण रहित मरीज व हल्के लक्षण वाले मरीज को प्रथम तीन दिन तक दवा दी जानी चाहिए. इसके साथ ही डॉक्सीसाइक्लिन दवा पांच दिन तक दिन में दो बार दी जानी चाहिए.
गर्भवती महिलाओं को नही दी जा सकती दवा
आइवरमेक्टिन दवा गर्भवती व धात्री महिलाओं तथा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं दिये जाने के निर्देश हैं. इसके साथ ही डॉक्सीसाइक्लिन दवा भी गर्भवती , धात्री महिलाओं और 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों नहीं देने के निर्देश हैं.