नयी दिल्ली : उच्च शिक्षण संस्थाओं में तेजी से लोकप्रिय हो रहे मोबाइल फर्स्ट डिजिटल प्लेटफॉर्म कोलपोल ने 10 से ज्यादा प्रगतिशील शिक्षण संस्थाओं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बिना किसी रुकावट के लगातार आधुनिक शिक्षा तथा स्मार्ट कैंपस का अनुभव प्रदान करने के लिए संस्थानों के साथ साझेदारी की है।
कंपनी ने आज यहां कहा कि इसमें दिल्ली यूनिवर्सिटी का श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, बीएमएल मुंजाल यूनिवर्सिटी, जीडी गोयनका यूनिवर्सिटी, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी, बेनेट यूनिवर्सिटी और अशोका यूनिवर्सिटी जैसे बड़े संस्थान भी शामिल हैं। ये शिक्षण संस्थाएं सामूहिक रूप से विद्यार्थियों को बेहतरीन शिक्षा और स्मार्ट कैंपस का अनुभव प्रदान करने के लिए कोलपोल से जुड़ी हैं। इस समय 30 हजार से ज्यादा विद्यार्थियों को इस प्लेटफार्म पर पढ़ने का अनुकूल मिश्रित माहौल मिल रहा है और वह सहज रूप से डिजिटल शिक्षा का अनुभव हासिल कर रहे हैं।
दिल्ली –एनसीआर क्षेत्र में शिक्षण संस्थाओं ने काफी तेजी से डिजिटलीकरण को अपनाया है। कोलपोल 20 अन्य शिक्षण संस्थाओं को अपने साथ शामिल करने की योजना बना रहा है, जिससे अगले 6 महीनों में 25 हजार से ज्यादा विद्यार्थी उसके प्लेटफार्म पर आयेंगे। महामारी की शुरुआत से, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में यूनिवर्सिटी को ऑनलाइन क्लास और परीक्षायें आयोजित करने, रिकार्डों का प्रबंधन करने, प्रमुख रिपोर्टों तक पहुंच बनाने, आंकड़ों को साझा करने के अलावा विद्यार्थियों, विभागों और कॉलज के बीच तालमेल बनाने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। कोलपोल की मदद के साथ शिक्षण संस्थाएं बिना एक-दूसरे के संपर्क में आए हुए डिजिटल कैंपस का अनुभव विद्यार्थियों और अध्यापकों को प्रदान कर रही हैं। इससे विद्यार्थी दाखिला लेने, ऑनलाइन क्लासेज अटेंड करने, परीक्षा देने और भुगतान करने के लिए डिजिटल व्यवस्था का प्रयोग कर रहे हैं।
उसने कहा कि इससे विद्यार्थियों का ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था से जुड़ाव और बढ़ा है और वह बेहतर तालमेल बनाने और एक दूसरे से बातचीत करने में सक्षम हुए हैं। इस प्लेटफॉर्म की मदद से 29,869 विद्यार्थियों के दाखिले और 1,56,885 नौकरी के आवेदनों को स्वचालित ढंग से निपटाया गया। इसके अलावा इसकी मदद से 1,50,000 ऑनलाइन क्लास का होना संभव हो सका। 60 लाख से ज्यादा लोगों के फीडबैक लिए गए।
कोलपोल की ओर से दिए जाने वाले ऑफर में डिजिटल शिक्षा का पूरी व्यवस्था करना, डिजिटल पेमेंट, कारोबार संबंधी कामकाज का स्वचालन, सुव्यस्थित ढंग से टीचर्स का फीडबैक, संपर्कहीन डिजिटल कैंपस सर्विसेज, ऑनलाइन क्लासेज और एग्जाम लेना शामिल हैं। इसके ऐप पर रेगुलर अपडेट के बारे में नोटिफिकेशन मिलती है। ऑनलाइन मूल्यांकन किया जाता है। आंकड़े और रिपोर्ट साझा की जाती है।
कंपनी के संस्थापक एवं सीईओ हेमंज सहल ने कहा “दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में प्रगतिशील उच्च शिक्षा देने वाली संस्थाएं नई तकनीक को अपनाने के लिए काफी उत्सुक हैं। उनका मूल उद्देश्य अपने विद्यार्थियों को डिजिटल शिक्षा के साथ स्मार्ट कैंपस का अनुभव कराना है। हमने कई ऐसी प्रमुख शिक्षण संस्थाओं से साझेदारी की है, जो दिल्ली और दिल्ली के आसपास शिक्षा जगत का नेतृत्व कर रहे हैं और अपनी शिक्षण संस्थाओं का डिजिटलीकरण करने के संबंध में काफी उत्साहित हैं। हम इन शिक्षण संस्थाओं के दीर्घकालीन तकनीकी साझीदार के रूप में ऑनलाइन शिक्षण की सुविधा उपलब्ध कराकर दिल्ली के आसपास 25 से हजार से ज्यादा विद्यार्थियों पर प्रभाव डाल रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा व्यवस्था ने कोरोना महामारी के बाद नई तकनीक को अपनाने का महत्व समझा है। महामारी के समय बच्चों की अच्छी सेहत के लिहाज से शिक्षण संस्थाओं को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा। ऐसे समय में टेक्नोलॉजी से लैस संसाधनों से बच्चों की शैक्षिक गतिविधियां जारी रह सकीं। दोतरफा संवाद कायम किया जा सका। नई तकनीक से रोजमर्रा की गतिविधियों का स्वचालन संभव हो सका। इससे सुरक्षा और मौलिक सूचना तक लोगों की पहुंच बढ़ी। इन समाधानों ने जहां शिक्षा व्यवस्था को बढ़ावा दिया, वहीं शिक्षा क्षेत्र में तकनीक को अपनाने के प्रमुख लाभों के रूप में प्रभावपूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए संसाधन से लैस टूल्स अपनाए गए। शिक्षकों को अपने क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों से अपडेट रखने के लिए उनका कौशल विकास किया गया और छात्रों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में ऑनललाइन जोड़कर उन्हें ज्यादा स्मार्ट तरीके से क्लास रूम शिक्षा प्रदान की गई।
उन्होंने कहा कि आज की जेनरेशन जेड और भविष्य में आने वाली जनरेशन अल्फा पीढ़ी के बच्चे डिटिजल टेक्नोलॉजी के बारे में ज्यादा जानते हैं। वह किसी भी पिछली पीढ़ी के अलावा ज्यादा बेहतरीन ढंग से तकनीकी कामकाज सकते हैं। वह अपने कैंपस में इसी तरह का माहौल मिलने की उम्मीद करते हैं। शिक्षण उद्योग में विद्यार्थियों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए काफी बदलाव किए गए हैं। इसके लिए विद्यार्थियों के लिए कई मूल्यवर्धित गतिविधियां लाई गई हैं और कोलपोल इसम बदलाव में काफी आगे है।
