रांची: झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान 16 से 27मई तक के लिए आवश्यक ई-पास की पेचीदगियों को खत्म करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका खारिज कर दी है।
न्यायालय ने गुरुवार को नीतिगत मामले में राज्य सरकार द्वारा लिये गये इस निर्णय पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ0 रविरंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी। अदालत की ओर से आदेश पारित करते हुए कहा कि सब्जी और दूध लाने के लिए मोटरसाईकिल या अन्य वाहनों की जरूरत नहीं है, लोग पैदल चलकर भी काम कर सकते है। राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण पर अंकुश के लिए यह कदम उठाया है और सरकार का नीतिगत निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि रांची के धुर्वा निवासी राजन कुमार सिंह ने झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता अनूप अग्रवाल के माध्यम से ई-पास की पेचीदगियों को खत्म करने के लिए उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की थी। इस जनहित याचिका के माध्यम से अदालत से गुजारिश की गयी थी कि हाईकोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप करें और लोकल मूवमेंट के लिए ई-पास की बाध्यता को खत्म करने का निर्देश जारी करें। प्रार्थी ने अपनी याचिका में कहा कि ई-पास लेना एक जटिल प्रक्रिया है और सरकार द्वारा जारी ई-पास से संबंधित आदेश में कई खामियां हैं।
