चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत गेहूँ के सही वितरण की निगरानी के मद्देनजऱ जि़ला, ब्लॉक और डिपू स्तर पर सतर्कता समितियाँ गठित करने के आदेश दिए हैं।
यह समितियाँ आटे की होम डिलीवरी की निगरानी भी करेंगी जो निकट भविष्य में गठित होने वाली हैं। यह जानकारी
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने आज यहां दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने प्रशासन में लोगों की भागीदारी को मज़बूत करने पर विशेष ज़ोर दिया है और इसलिए इन सभी समितियों में सार्वजनिक प्रतिनिधित्व होगा।
उन्होंने कहा कि सतर्कता समितियों को एन.एफ.एस.ए. एक्ट के अधीन सभी योजनाओं को लागू करने की निगरानी करने का काम सौंपा जाएगा। समिति इन योजनाओं को लागू करने में किसी भी तरह का उल्लंघन, कोताही या फंड के दुरुपयोग संबंधी जि़ला प्रशासन को लिखित रूप में सूचित करेगी। इन समितियों में समाज के सभी वर्गों का निष्पक्ष प्रतिनिधित्व होगा, चाहे वह अनुसूचित जातियों, पिछड़ी श्रेणियों, महिलाओं या योजना के असल लाभार्थी हों। यह भी सुनिश्चित बनाया जाएगा कि यह समितियाँ अपने काम को निष्पक्षता से कर रही हैं और यह समाज के गरीब वर्ग के हितों का नेतृत्व करेंगी।
ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार की ओर से 5 किलो गेहूँ प्रति लाभार्थी प्रतिमाह के हिसाब से 1.5 करोड़ लोगों को प्रतिमाह गेहूँ का वितरण किया जा रहा है जिससे 40 लाख परिवारों को लाभ मिल रहा है। अंत्योदय परिवारों को प्रति परिवार प्रतिमाह 35 किलोग्राम का सामान बाँटा जा रहा है। हाल ही में मंत्रिमंडल ने लाभार्थियों को आटे की होम डिलीवरी करने के लिए मंजूरी दी है,जो एक अक्टूबर से शुरू हो जाएगी।
