अहिंसा विश्व भारती संस्था ने पचपदरा गौशाला को रु.1,11,111/- का सहयोग दिया
प्राणी मात्र की सेवा सबसे बड़ा धर्म है – आचार्य लोकेशजी
आचार्य लोकेशजी की जन्मभूमि में गौसेवा देखकर मन आनंदित हुआ – स्वामी दीपांकरजी
आचार्य लोकेशजी ने विश्व में भारतीय संस्कृति का गौरव बढ़ाया – स्वामी अभयदासजी
राजस्थान व पचपदरा की माटी के सपूत अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जैन आचार्य डॉ लोकेशजी प्रख्यात हिन्दू धर्माचार्य स्वामी दीपांकरजी, स्वामी अभयदासजी एवं विवेक मुनि जी के साथ पचपदरा की गौशाला के अवलोकनार्थ पधारे। इस अवसर पर आचार्य लोकेशजी ने श्रद्धालुओ को संबोधित करते हुए कहा कि प्राणी मात्र कि सेवा सबसे बड़ा धर्म है, उन्होने रामायण की चौपाई को उद्धृत करते हुए कहा कि “पर हित से बड़ा कोई धर्म नहीं, पर पीड़ा से बड़ा कोई अधर्म नहीं है”।
आचार्य डॉ लोकेशजी ने इस अवसर पर पचपदरा गौशाला संचालकों, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि कभी जिस मैदान में मैं खेला करता था आज वहाँ पर सुव्यवस्थित गौशाला का प्रबंधन देखकर मन प्रफुल्लित हो उठा, उन्होने अपनी जन्म भूमि पचपदरा आगमन पर स्वामी दीपांकरजी, स्वामी अभयदासजी एवं विवेक मुनि जी का स्वागत किया ।
प्रख्यात हिन्दू धर्माचार्य स्वामी दीपांकरजी महाराज ने कहा कि आज मैं अपने बड़े भाई व आत्मीय मित्र आचार्य डॉ लोकेशजी की जन्म भूमि में आकार प्रफुल्लित भी हूँ और प्रमुदित भी हूँ। उन्होने राजस्थान के छोटे से गाँव में जन्म लेकर विश्व की सबसे पड़ी पंचायत संयुक्त राष्ट्र संघ और विश्व धर्म संसद जैसे प्रतिष्ठित मंचों से धर्म और अध्यात्म का गौरव बढ़ाया है।
प्रख्यात कथावाचक एवं तख्तगढ़ गादिपति युवाचार्य स्वामी अभयदासजी महाराज ने कहा कि आज मैं पचपदरा की तपोभूमि के दर्शन करने आया हूँ जहां के एक संत अचाया डॉ लोकेशजी ने भारतीय संस्कृति का गौरव पूरे विश्व में बढ़ाया है व केवल जैन धर्म के ही नहीं बल्कि सर्वधर्म के लोकप्रिय संत है।
विश्व विख्यात जैनाचार्य सुशील मुनिजी के कर-कमलों से दीक्षित विवेक मुनिजी महराज ने कहा कि जैन धर्म में अहिंसा, दया व करुणा का विशिष्ट स्थान है, पचपदरा गौशाला उसका जीवंत उदाहरण है। उन्होने कहा आचार्य लोकेशजी ने धर्म को अध्यात्म व समाज सेवा से जोड़ा । पचपदरा गौशाला उसका प्रेरक उदाहरण है।
इस अवसर पर पचपदरा गौशाला के संचालक, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने आचार्य लोकेशजी द्वारा स्थापित संस्था “अहिंसा विश्व भारती, नई दिल्ली” द्वारा पचपदरा गौशाला को रु.1,11,111/- की राशि समर्पित करने पर धन्यवाद दिया एवं आचार्य लोकेशजी के साथ पधारे विश्व प्रसिद्ध धर्माचार्य स्वामी दीपांकरजी, स्वामी अभयदासजी एवं विवेक मुनिजी का स्वागत भी किया।
सधन्यवाद,
कर्ण कपूर, कार्यालय सचिव, मो: 9999665398