ग्रेटर नॉएडा, विशाल इंडिया (वक़ार अहमद)। आखिर कब रुकेगा यह चलता-फिरता मौत का सफर कौन होगा इनकी मौत का जिम्मेदार क्या इन्हें अपनी जान की जरा भी फ्रिक नहीं जो मौत को दावत देकर ट्रेनों की छतों पर यात्रा करते हैं. जी हाँ हम बात कर रहे हैं दादरी के रेलवे स्टेशन की उस मौत के सफर की जिसे अक्सर यात्री ट्रेन की छतों पर बैठकर तय करते हैं और रेलवे प्रशासन कार्यवाही के नाम मूकदर्शक बने हादसे के इंतजार में बैठे रहते हैं. ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा और बेहतर सुविधा देने के वादे तो बहुत होते है अगर दादरी रेलवे स्टेशन लाइन की ओर नजर डालें. यहां बेहतर सुरक्षा और सुविधा के नाम पर यात्रियों को एक ऐसा सफर दिया जाता है जिसे देखकर आपकी भी रुह कांप उठेगी. यह नजारा उस समय देखने को मिला जब दनकौर को जाने वाली ट्रेन पर यात्री इंजन पर भी बैठकर यात्रा करतें हुए नज़र आए ये वो लोग है जो ट्रेन के अंदर जगह होने के बावजूद भी ट्रेनों की छत पर बैठकर सफर करते हैं और अपनी ही मौत को दावत देते हैं ट्रेन को चलाने वाले स्टॉफ से जानकारी ली तो उन्होंने नाम न बताते हुये कहा कि छतों पर सफर करने के लिये मना तो किया जाता है लेकिन वे नही मानते. भिड़ इतनी अधिक होती है कि छत और इंजन पर बैठकर सफर करना मजबूरी बन जाती है। आखिर कब रुकेगा यह चलता-फिरता मौत का सफर कौन होगा इनकी मौत का जिम्मेदार क्या इन्हें अपनी जान की जरा भी फ्रिक नहीं जो मौत को दावत देकर ट्रेनों की छतों पर यात्रा करते हैं।
