जयपुर: राजस्थान के खान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डा सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि प्रदेश में ब्लेक फंगस को देखते हुए आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर की गुणवत्ता, मापदण्ड और उपयोग के दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जाए।
डा. अग्रवाल आज प्रदेश में आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर की आवश्यकता, उपलब्धता और विदेशों से आ रहे आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर की प्रगति समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा ई-उपकरण पोर्टल के माध्यम से आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर की खरीद की जा रही है और उनमें निर्धारित मानकों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि दानदाताओं द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटरों एवं घरेलू उपयोग के लिए खरीदे जा रहे आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटरों की खरीद तथा उपयोग के समय भी निर्धारित मानकों और उसके उपयोग के लिए जारी दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जानी आवश्यक है। उन्होंने बताया कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए केन्द्र सरकार ने भी इसके लिए गाईड लाइन जारी की है।
डा. अग्रवाल ने बताया कि आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर एक विद्युत चालित चिकित्सा उपकरण है जिसके द्वारा आसपास की हवा से आक्सीजन बनाया जाता है। इस उपकरण के माध्यम से रोगी को बिस्तर पर ही केनुला के माध्यम से आक्सीजन उपलब्ध कराया जाता है। आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर द्वारा पांच लीटर प्रति मीनट का फ्लो होना आवश्यक है और इसमें 90 प्रतिशत से अधिक की शुद्धता एवं निरंतरता के साथ प्रवाह होना चाहिए। इस तरीके से आमतौर पर 21 प्रतिशत आक्सीजन होता है।
उन्होंने बताया कि आक्सीजन कन्सेन्ट्रेटर में फिल्टर बोटल में डिस्टिल वाटर का ही उपयोग किया जाए। इसके साथ ही उपयोग के दिशानिर्देशों की सख्ती से पालना सुनिश्चित की जाए ताकि संभावित संक्रमण को रोका जा सके।
