सोशल मीडिया पर एक वक्त था जंहा सबकुछ अच्छा अच्छा था। लेकिन अब इसका चलन बाद गया है। एक आम से आम इंसान के पास भी इंटरनेट एवं एंड्राइड की सुविधा आ गयी है। अच्छाई के साथ साथ बुराई भी सोशल मीडिया पर हावी हो गया है।
ट्रोल्स को पहचानें
इंटरनेट पर घृणित टिप्पणियों का सबसे बड़ा स्रोत ट्रोल हैं। ट्रोल एक प्रोफ़ाइल है जिसे जानबूझकर विवादास्पद या विषय से परे सामग्री फैलाने और गुमनाम रहने के दौरान भड़काऊ प्रतिक्रियाओं को भड़काने के लिए बनाया गया है। ट्रोल आम तौर पर चर्चा में शामिल होते हैं और जानबूझकर नफरत के संदेशों को एक विशिष्ट व्यक्ति या लोगों के समूह को लक्षित करके साझा करते हैं। वे वेब के गुंडे हैं और हमें उनका मुकाबला करने की जरूरत है। लेकिन ऐसा करने के लिए हमें पहले उन्हें पहचानना होगा। इंटरनेट ट्रोल्स की पहचान करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इनका मकसद मित्रता नही सिर्फ सिर्फ अराजकता और नकारात्मकता फैलाना है।
ब्लॉक करें, म्यूट करें और रिपोर्ट करें
एक बार जब आप ट्रोल की पहचान कर लेते हैं, तो उन्हें वह पहचान न दें जिसकी वे तलाश करते हैं। जब आप सोशल मीडिया पर उनकी भड़काऊ टिप्पणियों को देखते हैं, तो सबसे अच्छी बात यह है कि शायद उन्हें अनदेखा कर दें। ट्रोल्स को कभी न खिलाएं! यदि आप अभद्र भाषा या ऑनलाइन शेमिंग के शिकार हैं, तो उस खाते को म्यूट करना बेहतर हो सकता है जो नुकसान पहुंचा रहा है और जब आप किसी ट्रोल को पहचानते हैं, तो उसे तुरंत ब्लॉक करें और रिपोर्ट करें। यहां आप विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसे कैसे करें, इस बारे में पूरी गाइड पा सकते हैं। इसी तरह, अगर आपके किसी जानने वाले के साथ ऐसा होता है, तो उन्हें भी ऐसा करने के लिए कहें और फिर हमेशा खुद भी प्रोफाइल की रिपोर्ट करें।
कानूनी सलाह भी ले सकते है
आप कानूनी सलाह ले सकते है। सायबर क्राइम, कोर्ट, वकील से भी बात करते हुए। आने हट्रेट ( शत्रुता फैलाने वाले) को नोटिस भी भेजा सकता है।
सामूहिक रूप से काम करें
ट्रोल और नफरत करने वालों को अपनी संगति पर अधिक विश्वास होता है। इस कारण से उनका सामना करते समय आपको भी ऐसा ही करना चाहिए। अपने सभी मित्रों को उनकी प्रोफ़ाइल की रिपोर्ट करने के लिए कहें, प्रचार करें और सशक्त महसूस करने के लिए अपने आस-पास एक नेटवर्क बनाएं। अच्छाई को स्वर दे, अच्छे लोगो की कम्युनिटी बनाये।
थोड़ा रुक जाए और अपना ख्याल रखें
कभी-कभी ऑनलाइन दुनिया थोड़ी भारी हो सकती है, खासकर जब एक घृणित स्थिति का सामना करना पड़ रहा हो। इन मामलों में, बस डिस्कनेक्ट करें। अपने उपकरणों को बंद करें और टहलने जाएं, किसी मित्र से बात करें या कुछ ऐसा करें जो आपको पसंद हो। विचलित हो जाएं और सोशल मीडिया पर एक खराब एपिसोड को अपने नीचे न आने दें, वास्तविक जीवन बाहर है! वर्चुअल जिंदगी के भी बाहर जिंदगी है।
अपने इरादों को मजबूत करे
आपका इरादा क्या है। आप सफल होना चाहते हो या ऐसे किसी ऐरू गेरू के ट्रोल्स में सीरियस हो कर टाइम वेस्ट करना। समय आपका है। सफलता की कहानी आपको बनानी है। आप को आगे बढ़ना है।
प्रो डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री
आध्यात्मिक व्याखता एवं माइन्डसेट गुरु
मुम्बई